शनिवार, 3 दिसंबर 2016

राजेन्द्र बाबू

भारतीय राजनीति में कई बार कुछ अइसन घटना आ अईसन लोग आइल बा जवन की पूरा राजनीति बदल के रख देले बा। राजेन्द्र बाबू भी एगो ओइसने महापुरुष रहनी। महात्मा गांधी जी एक बार कहले रहनी की ""अमृत पीये वाला त बहुत लोग बा हमरी साथे बाकी जहर पीये वाला बस एगो राजेन्द्र बाबू बाने""। खुद जहर पीके आ जगत के अमृत दान में देवे वाला नीलकण्ठ भारतीय राजनीति में राजेन्द्र बाबू ही रहने। आज 3 दिसम्बर के उँहा के जन्म भईल जीरादेई में। पिछला सात साल से आखर परिवार 3 दिसम्बर के भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन के आयोजन कर रहल बा पंजवार में। राजेन्द्र प्रसाद जी के श्रद्धांजलि। राउर हर बात एह देश के आ दुनिया के प्रेरणा देत रही। आजकल कुछ विद्वान लोग ई कह रहल बा की अगर भोजपुरी के मान्यता मिली त हिंदी कमजोर हो जाई , एह समय में राजेन्द्र बाबू रउआ बहुत इयाद आवतानी काश की रउआ रहितीं त एह विद्वान लोगन के एगो करारा जबाब मिलित। ओह समय जवन आदमी देश के रिप्रेजेंट करs ता ऊ आदमी भी भोजपुरी में बोले आ अपना घरे जवन पत्र भेजे उहो भोजपुरी में रहे । कुल मिला के एह विद्वान लोगन की बारे में कुछउ कहला से अच्छा रही की हमनी के राजेन्द्र बाबू के देखावल रास्ता पर चली जां उँहा के आदर्श के अपनाई जां।
अंत में राजेन्द्र बाबू की सम्मान में इहे कहब..

राजनीति के, त्याग के,मानवता के केंद्र
धरती पर बस एक बार आवेलें राजेन्द्र।
जय भोजपुरी

~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"