सोमवार, 22 अक्तूबर 2018

ज़िंदगी भी कमाल है मालिक

ज़िन्दगी भी कमाल है मालिक
इश्क़ मौलिक सवाल है मालिक।

जिसने देखा वो देखता ही रहा
कैसा हुश्न -ओ- जमाल है मालिक।

यूँ वो चलती है जैसे लगता है
एक नदिया की चाल है मालिक।

वो जो चन्दा के जैसा रौशन है
हुश्ने जाना का गाल है मालिक।

उसके लब पे जो मुस्कुराहट है
सच में बिलकुल बवाल है मालिक

लोकेन्द्र मणि मिश्र " दीपक"

बुधवार, 17 अक्तूबर 2018

वह तोड़ती पत्थर प्रयागराज के पथ पर

आदरणीय मुख्यमंत्री जी

आप कुशलता से होंगे ही इसलिये कुशल- क्षेम की बात नहीं करते है।
उत्तर प्रदेश में एंटी रोमियो के सफल सञ्चालन के बाद नाम बदलने का प्रोजेक्ट आपने शुरू किया है उसके लिए बधाई । वैसे भी शेकस्पियर ने कहा था what is in the name? एक राज की बात बताएं, शेकस्पियर का नाम शंकर प्रसाद अय्यर था। वो तो पाश्चातय संस्कृति से प्रभावित होकर नाम में हेर-फेर हो गया। बाकी खुद ही बन्दे ने कहा था नाम में क्या रखा है...

तो खबर है कि इलाहाबाद का नाम अब प्रयागराज होगा। इसके पहले मुगलसराय का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर हो चुका है।
गोरखपुर में मुहल्लों का नाम भी पहले ही आप बदल चुके हैं मसलन हुमायुपुर को हनुमान नगर, हिंदी बाज़ार को उर्दू बाज़ार आदि आदि।

तो माननीय मुख्यमंत्री जी , निराला की एक कविता है...

वह तोड़ती पत्थर
इलाहाबाद के पथ पर....
अब उसे कैसे पढ़ें जैसे था वैसे ही या फिर
वह तोड़ती पत्थर
प्रयागराज के पथ पर. 

कुमार विश्वास अब मन्च से गाएंगे

हमें बरबाद करके तुम वहां आबाद रहते हो
कोई कल कह रहा था तुम प्रयागराज रहते हो..

मज़ा नहीं आया पर क्या करें नाम बदल चुका है।

आपके मुख्यमंत्री बनने की बाद उत्तर प्रदेश में हुए लगभग सभी परिक्षाओं में पेपर आउट हो रहे हैं.. UPPCS, UP POLICE आदि.. नयी वेकेन्सी के लिए धरना, फिर फॉर्म भरने के लिए धरना, परीक्षा कराने के लिए धरना, फिर रिजल्ट के लिये धरना, फिर ज्वाइनिंग के लिए धरना... मालिक इतना धरना के बाद एक नौकरी मिल जाए तो लोग-बाग अपना जीवन धन्य मान रहे हैं।

खैर आप अपने प्रोजेक्ट "नाम परिवर्तन" पर ध्यान दीजिये... ये नौकरी वगैरह सब दूसरे दर्जे की बाते हैं।
आइये आपकी हेल्प करता हूँ ..लखनऊ का नाम बताता हूँ जो आपके प्रोजेक्ट के लिए कारगर होगा

लखनऊ ----- लखन नगर या लखनपुर
बाकी शहर तो बहुत हैं बाबा आप अपने हिसाब से देख लीजिये और हाँ परीक्षा के बारे में ज्यादा मत सोचियेगा.... थोड़ा धरना होने दीजिये अभी, आखिर डेमोक्रेसी में धरना- प्रदर्शन की छूट है तो होना है चाहिये तभी तो डेमोक्रेसी में विश्वास बना रहेगा।
गौशाला वाले काम में थोड़ी तेजी लाइये वो भी धीरे चल रहा है, रोमियो को पकड़ना चालू रखिये। पुलिस तो मुंह से ठांय- ठांय कर ही रही है, एनकाउंटर भी चलता रहे ।

एक बार फिर याद दिला दें नौकरी की बारे में मत सोचियेगा काहे की UP में योग्य कैंडिडेट भी नहीं है फिर क्यों विज्ञापन में पैसा फंसाना वही पैसा इलाहाबाद का बोर्ड हटाने और प्रयागराज का बोर्ड लगाने में खर्चा हो। मार्कशीट में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ,प्रयागराज रहेगा अब।

बाकी.... जय हो

~लोकेन्द्र मणि मिश्र " दीपक"

शनिवार, 13 अक्तूबर 2018

मुझको तुझमें चाँद दिखाई देता है

देख रहा हूँ कल से तेरी आँखों में
इन आँखों में प्यार दिखाई देता है।

तेरी जुल्फें आगे को जब होती हैं
मुझको तुझमे ताज दिखाई देता है।

तेरे लब  को  छूकर मैंने जाना है
प्यासे को क्यों आब दिखाई देता है।

सबको तुझमे सबकुछ दिखता होगा पर
मुझको तुझमे चाँद दिखाई देता है।

~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"