कलम के फूल
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LOKENDRA MISHRA
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बुधवार, 15 जुलाई 2020
नदियाँ प्यासी रह जाती हैं
आँसू आँखों से गिर जाये,
फिर वो गंगाजल होते है।
नदियाँ प्यासी रह जाती हैं
सूखा भी बादल होते हैं।
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