सेसनल्स ,दीवाली और ये तबीयत
सुबह से ही सिर में दर्द है, जुकाम हुआ है। कुछ करने का मन नही है मगर पढ़ना तो पड़ेगा ही कल एच एम टी का और मैन्युफैक्चरिंग साइन्स का पेपर जो है। इंजीनियरिंग कॉलेज का अपना अलग फंडा है एक एग्जाम छुट्टी से पहले तो एक छुट्टी के बाद डाल देते हैं, ताकि बच्चा चैन से दीवाली भी नहीं मना सके। दीवाली है तो घर तो जाना ही है और एग्जाम है तो पढ़ना भी है। ये त्यौहारों के समय हमारा जीवन पेण्डुलम के जैसा हो जाता है एग्जाम और दीवाली एक्सट्रीम पॉइंट्स होते हैं और इन दोनों बीच में हम टू एंड फ्रो करते रहते हैं। सामने HMT की कॉपी रखी है नजर पड़ती है पाँच - पाँच पन्ने की डेरिवशन्स पर दर्द बढ़ता है कॉम्बिफ्लाम की जरूरत महसूस होती है। दिमाग में घूम रहा है नॉन यूनिफॉर्म हीट जनरेशन equation। ये सेसनल कॉलेज मैनेजमेंट कीतरफ से दीवाली का पटाखा है, जो फूट रहा है हमारे सर पर
ये इंजीनियरिंग नहीं आसान
इक आग का दरिया है और कूद के जाना है। नहीं नहीं
ये इंजीनियरिंग नहीं आसान
इक आग का दरिया है और उसी में रहना है।
~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"