बुधवार, 26 अक्तूबर 2016

इंजीनियरिंग पार्ट 5

सेसनल्स ,दीवाली और ये तबीयत

सुबह से ही सिर में दर्द है, जुकाम हुआ है। कुछ करने का मन नही है मगर पढ़ना तो पड़ेगा ही कल एच एम टी का और मैन्युफैक्चरिंग साइन्स का पेपर जो है। इंजीनियरिंग कॉलेज का अपना अलग फंडा है एक एग्जाम छुट्टी से पहले तो एक छुट्टी के बाद डाल देते हैं, ताकि बच्चा चैन से दीवाली भी नहीं मना सके। दीवाली है तो घर तो जाना ही है और एग्जाम है तो पढ़ना भी है। ये त्यौहारों के समय हमारा जीवन पेण्डुलम के जैसा हो जाता है एग्जाम और दीवाली एक्सट्रीम पॉइंट्स होते हैं और इन दोनों बीच में हम  टू एंड फ्रो करते रहते हैं। सामने HMT की कॉपी रखी है नजर पड़ती है पाँच - पाँच पन्ने की डेरिवशन्स पर दर्द बढ़ता है कॉम्बिफ्लाम की जरूरत महसूस होती है। दिमाग में घूम रहा है नॉन यूनिफॉर्म हीट जनरेशन equation। ये सेसनल  कॉलेज मैनेजमेंट कीतरफ से दीवाली का पटाखा है, जो फूट रहा है हमारे सर पर
ये इंजीनियरिंग नहीं आसान
इक आग का दरिया है और कूद के जाना है।  नहीं नहीं
ये इंजीनियरिंग नहीं आसान
इक आग का दरिया है और उसी में रहना है।

~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"

सोमवार, 10 अक्तूबर 2016

सर्जिकल स्ट्राईक


महाभारत का युद्ध चल रहा था।कौरव पाण्डवों पर भारी पड़ रहे थे। दानवीर कर्ण के बाणों के आगे पूरी पाँडव सेना
तितर बितर हो कर भाग रही थी। उस दिन के युद्ध समाप्त होने पर मनमोहन सिंह ने कहा की हमे घटोत्कच को बुलाकर सर्जिकल स्ट्राइक करवाना चाहिए,इससे मजबूर होकर कर्ण ने जो दिव्य अस्त्र अर्जुन के लिए बचाकर रखा था वो उसे चलाना पड़ेगा। उसी रात मनमोहन सिंह के निर्देशन में घटोत्कच ने एक बेहद सफल सर्जिकल स्ट्राइक किया और कर्ण का दिव्य शस्त्र घटोत्कच के ऊपर चल गया ।इस प्रकार अर्जुन की जान कांग्रेस के सहयोग से बच गयी। तत्कालीन सेनाध्यक्ष पप्पू जी स्वयं उस सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व कर रहे थे । इस सफल सर्जिकल स्ट्राइक के लिए मैं बधाई देता हूँ । इंतजार कीजिये कुछ ही दिनों में कई अन्य महाभारतकाल और रामायणकाल के सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में हम सूचित करेंगे और कृपया कर सबूत मत मांगियेगा। सबूत मांगने का काम आचार्यधीश(दिल्लीवाले) के पास सुरक्षित है ।

~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"

रविवार, 2 अक्तूबर 2016

लालबहादुर शास्त्री

आज बताएब हम की कइसन रहलें लालबहादुर
आजादी की खातिर सुनि लs रहलें बहुते आतुर
अईसन रहलें लाल बहादुर

पाक  के सबक सिखवलें
सब किसानन के जगवलें
दिहलें दुश्मन के भगाई
सहलें तनिको ना बरिआई
कइलें भारत के ऊँचा खूब भाल ए बाबू
अईसन गुदड़ी के रहलें ऊ त लाल ए बाबू

छोटहन भले देहिं के रहलें
बाकी कुछुओ गलत ना सहलें
ऊँचा सदा शान के रखलें
देश के एक बान्हि के रखलें
सत्य अहिंसा के बनाके रखलें ढाल ए बाबू
अईसन गुदड़ी के रहलें ऊ त लाल ए बाबू

दुश्मन खातिर ऊ त रहलें एगो काल ए बाबू
अईसन गुदड़ी के रहलें ऊ त लाल ए बाबू।

~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"