महाभारत का युद्ध चल रहा था।कौरव पाण्डवों पर भारी पड़ रहे थे। दानवीर कर्ण के बाणों के आगे पूरी पाँडव सेना
तितर बितर हो कर भाग रही थी। उस दिन के युद्ध समाप्त होने पर मनमोहन सिंह ने कहा की हमे घटोत्कच को बुलाकर सर्जिकल स्ट्राइक करवाना चाहिए,इससे मजबूर होकर कर्ण ने जो दिव्य अस्त्र अर्जुन के लिए बचाकर रखा था वो उसे चलाना पड़ेगा। उसी रात मनमोहन सिंह के निर्देशन में घटोत्कच ने एक बेहद सफल सर्जिकल स्ट्राइक किया और कर्ण का दिव्य शस्त्र घटोत्कच के ऊपर चल गया ।इस प्रकार अर्जुन की जान कांग्रेस के सहयोग से बच गयी। तत्कालीन सेनाध्यक्ष पप्पू जी स्वयं उस सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व कर रहे थे । इस सफल सर्जिकल स्ट्राइक के लिए मैं बधाई देता हूँ । इंतजार कीजिये कुछ ही दिनों में कई अन्य महाभारतकाल और रामायणकाल के सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में हम सूचित करेंगे और कृपया कर सबूत मत मांगियेगा। सबूत मांगने का काम आचार्यधीश(दिल्लीवाले) के पास सुरक्षित है ।
~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"
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