आज बताएब हम की कइसन रहलें लालबहादुर
आजादी की खातिर सुनि लs रहलें बहुते आतुर
अईसन रहलें लाल बहादुर
पाक के सबक सिखवलें
सब किसानन के जगवलें
दिहलें दुश्मन के भगाई
सहलें तनिको ना बरिआई
कइलें भारत के ऊँचा खूब भाल ए बाबू
अईसन गुदड़ी के रहलें ऊ त लाल ए बाबू
छोटहन भले देहिं के रहलें
बाकी कुछुओ गलत ना सहलें
ऊँचा सदा शान के रखलें
देश के एक बान्हि के रखलें
सत्य अहिंसा के बनाके रखलें ढाल ए बाबू
अईसन गुदड़ी के रहलें ऊ त लाल ए बाबू
दुश्मन खातिर ऊ त रहलें एगो काल ए बाबू
अईसन गुदड़ी के रहलें ऊ त लाल ए बाबू।
~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"
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