मंगलवार, 28 मार्च 2017

पिंजरे में तो केवल रट्टू टोटे रहते हैं..

रोने वालों का क्या है वो रोते रहते हैं
और समय के धन को अक्सर खोते रहते हैं।

दूर जिन्हें जाना होता वो जाग रहे होते
बात बनाने वाले केवल सोते रहते हैं।

छोटी -छोटी बातों से बिन मतलब डरते हो
अच्छे लोगों पर ये हमले होते रहते हैं।

जिनको केवल बात बनानी है वो सब
बे मतलब के बातों को ही ढोते रहते हैं।

बाज कभी भी क़ैद नही होता "दीपक"
पिंजरे में तो केवल रट्टू तोते रहते हैं।

~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"

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