जब शाषन लाचार खड़ा हो दुराग्रही हत्यारों से
सिंहासन का गठबंधन जब होता हो गद्दारों से
जब जब जनता वोट बैंक लड़ाई जाती हो
डी एस पी , एस ओ की जब जब बली चढ़ाई जाती हो
याद रखो यादव जी सत्ता छिनने वाली होती है
जनता घट के हर पापों को गिनने वाली होती है।
सत्याग्रह के नाम पे काला धब्बा मथुरा की घटना
खलता है सर्वाधिक सत्ता का डरकर पीछे हटना
यादव जी सुनलो अब भी कर्तव्य निभाना शुरू करो
या जाने के दिन की उल्टी गिनती गिनना शुरू करो
जो भी दोषी हैं उनको पकड़ो फांसी पर लटका दो
जाते -जाते एक बार बस अपराधों को झटका दो
शाम -ए- अवध बनाओ मधुरिम इसमे नही बुराई है
जाकर गाँवों को देखो बिजली दस दिन पर आई है
रोज नए पत्थर लगवाओ राजभवन के सड़को पर
उनकी भी हालत पूछो जो भूखे बैठे सड़को पर।
कम्पेन्सेसन देने वाली नौटँकी को बन्द करो
अपराधी चोरो हत्यारो से खुलकर तुम द्वन्द करो
~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"
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