नाथ दैव कर कौन भरोसा...
आज ही टीवी पर देखा की महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में बाढ़ से जन जीवन बेहाल है। अभी कल की ही बात है बलिया में एक बाँध टूट गया। बाढ़ की विभीषिका के बारे में वही जान सकता है जो भुक्तभोगी हो। पर टीवी पर दिखाए जाने वाले दृश्य निश्चित ही दिल दहला देने वाले हैं। लगभग 10 दिन पहले मैंने पढ़ा था की एक गाँव है परसिया कूर्र्ह है नहीं था । अभी उसका आखिरी मकान गिरा है 10 दिन पहले। बहुत दुःखद स्थिति है। वहीं एक मेरा क्षेत्र है भाटपार रानी यहां खेतों में धान के सिंचाई के लिए पम्पिंग सेट्स लगाये जा रहे हैं। और श्रमबिंदु तो बिना श्रम किये ही श्रमधार बनकर बह रही है। बिजली की स्थिति तो वही है उत्तर प्रदेश मोड। कभी दक्षिणी फीडर जल रहा है तो कभी उत्तरी फीडर। नहा कर कपड़े क्या पहने फिर नहा लिए। दैव से अब यही विनती है बाढ को शांत करें और थोड़ी बारिश हमारे यहाँ भी करें ताकि धान न सूखे और पम्पिंग सेट चला कर नुकसान की खेती न करनी पड़े । इस मौके और गोस्वामी जी याद आ रहे हैं। नाथ दैव कर कवन भरोसा.......
~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"