गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

तुम मुझको आवाज़ दो तो सही

1रुक के तुम मुझको आवाज दो तो सही।
एक पावन सा अहसास दो तो सही।
मैं जहां हूँ वहीं तुमको ले आऊंगा
अपने आने का आभास दो तो सही।

2 इस जमीं पर ही आकाश मिल जाएगा।
पतझड़ों में भी मधुमास मिल जायेगा।
इश्क़ की गर ख़ुदा सी इबादत करो
आस ही पास वो तुमको मिल जाएगा।

3 एक ऐसी किताब जो जाऊँ।
सूखे दरिया में आब हो जाऊँ।
मुझको ऐसा बना मेरे मौला
उसकी आँखों का ख्वाब हो जाऊँ।

4 उसने कहा जो कुछ तो मैं पागल सा हो गया।
पानी भरे हुए किसी बादल सा हो गया।
दुनिया के रंजो गम से न कुछ भी हुआ मुझे
उसकी बस एक नज़र से ही घायल सा हो गया।

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