मूल के बिन वृक्ष क्या है? बीज ? पत्ता?
नमन है तुमको नमन हे मातृ सत्ता
शक्ति का अवतार हो तुम
नफ़रतों में प्यार हो तुम
कौन कहता हार हो तुम?
जिंदगी का सार हो तुम।
माँ बहन बेटी हो तुम
प्रेयसी पत्नी हो तुम
कौन कहता कौन हो तुम ?
विश्व की जननी हो तुम।
तुम नहीं मजबूर या लाचार हो।
इस धरा की शक्ति का आधार हो।
कौन कहता है तुम्हे तुम ख़ार हो
गंगा के जैसी ही पावन धार हो।
मूल के बिन वृक्ष क्या है? बीज?पत्ता?
नमन है तुमको नमन हे मातृसत्ता
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