रविवार, 6 मार्च 2016

भिण्डा मिश्र की रामलीला

भिण्डा मिश्र की रामलीला :एक समग्र परिचय

देवरिया की भूमि सदा से ही देवताओं और परम्पराओं की भूमि  रही है। इसी जिला के भाटपार रानी तहसील में स्थित ग्राम भिण्डा मिश्र अपने रामलीला की परंपरा को बनाये रखने के लिए जाना जाता है। इसकी शुभारम्भ कबसे हुई ये कहा नही जा सकता वर्तमान में गांव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति श्री राजेन्द्र मिश्र (93) से पूछने पर उन्होंने कहा की मैं बचपन से देखता आ रहा हूँ ।उन्हें भी इस परंपरा के शुरुआत की कोई जानकारी नही है। 80 -90  के दशक स्व. श्री केदारनाथ मिश्र ने रामलीला की अध्यक्षता करते हुए रामलीला को एक स्वर्णिम युग दिया। उसके बाद श्रीराम मिश्र  तथा सुरेश मिश्र ने क्रमशः रामलीला को नई ऊंचाइयां प्रदान की।
रामजन्म से लेकर राम राज्याभिषेक तक की लीला को सदियों से निर्बाध रूप से संचालन करने वाले लोग और गाँव सचमुच में बधाई के पात्र हैं ।
दशहरा नजदीक आते ही गाँव में मीटिंगों का दौर शुरू हो जाता है फिर पात्र चयन से लेकर आर्थिक प्रबन्ध तक की प्रक्रिया का निर्धारण होता है। गाँव के शिव मन्दिर के प्रांगड़ में संचालित होती इस रामलीला को मैंने काफी पास से देखा है राम,अंगद,विभीषण आदि कई महत्वपूर्ण पात्रों को निभाते समय मैंने बहुत कुछ सीखा और जाना , सबसे ख़ास बात यह है की इस रामलीला के सभी कलाकार इसी गाँव के लोग रहते हैं। लगभग 10 दिनों तक चलने वाले इस महा महोत्सव मे आसपास के गाँव के लोगों तथा ग्रामवासियों के उत्साह और भक्ति को देखा जा सकता है। अभिनन्दन का पात्र है यह गाँव जो इस परम्परा को पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ निभा रही है.

  ~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"
ग्राम भिण्डा मिश्र
9169041691

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