हमले पर हमले होते हैं कश्मीर की वैली में
कुछ भी तल्ख नही दिखता है पी एम जी की शैली में।
राजनाथ जी भी निंदा पर निंदा करते जाते हैं
और हमारे वीर सदा सीमा पर मरते जाते हैं।
रोज रोज ये निंदारस का पाठ पढाना बन्द करो
दुष्ट पाक से मैदां में आ जाओ खुलकर द्वन्द करो।
~लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें