कैसा है यह प्यारा बचपन
जग में सबसे न्यारा बचपन
कितनी भी बंदिशे लगा दो
कभी नही पर हारा बचपन
जब होते हैं बचपन में हम
तब लगता है कारा बचपन
और बड़े जब हो जाते हैं
याद आता है सारा बचपन
होकर बड़े सोचते हैं हम
लौटा दे , ऐ यारा बचपन
कभी नहीं जीवन में "दीपक"
आता है दोबारा बचपन ।
~ लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"
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